Type Here to Get Search Results !

New York Convention Awards | Foreign Awards का प्रवर्तन | Arbitration and Conciliation Act 1996

 

New York Convention Awards | Foreign Awards का प्रवर्तन | Arbitration and Conciliation Act 1996

न्यूयॉर्क कन्वेंशन Awards और विदेशी Awards : भारतीय विधि के अंतर्गत अध्ययन

भारतीय विधि के अंतर्गत New York Convention Awards का प्रवर्तन और न्यायिक दृष्टिकोण


भारत में विदेशी Awards (Foreign Arbitral Awards) की प्रवर्तन व्यवस्था Arbitration and Conciliation Act, 1996 के भाग द्वितीय (Part II) में दी गई है। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक विवादों को शीघ्र और प्रभावी ढंग से हल करना तथा विदेशी निवेश और वाणिज्यिक लेन-देन को सुरक्षित करना है।
भाग द्वितीय को दो अध्यायों में विभाजित किया गया है –

  • अध्याय 1 (धारा 44 से 52) – न्यूयॉर्क कन्वेंशन Awards (New York Convention Awards)
  • अध्याय 2 (धारा 53 से 60) – जेनेवा कन्वेंशन Awards (Geneva Convention Awards)


Foreign Award – परिभाषा

धारा 44 के अनुसार Foreign Award वह Award है –

  • जो वाणिज्यिक (Commercial) संबंधों से उत्पन्न विवादों पर आधारित हो (चाहे अनुबंधात्मक हो या गैर-अनुबंधात्मक)
  • जो 11 अक्टूबर 1960 के बाद किया गया हो
  • जो लिखित Arbitration Agreement के अंतर्गत दिया गया हो और जिस पर न्यूयॉर्क कन्वेंशन लागू होता हो
  • और जो उन Territories में किया गया हो जिन्हें केंद्र सरकार ने अधिसूचित किया है

“वाणिज्यिक” (Commercial) शब्द का अर्थ

इस शब्द को अधिनियम में परिभाषित नहीं किया गया है। परंतु UNCITRAL Model Law (1985) के अनुसार इसका व्यापक अर्थ लिया जाएगा। इसमें निम्न प्रकार के लेन-देन सम्मिलित हैं –

  • व्यापार, आपूर्ति, विनिमय
  • परिवहन, वितरण समझौते
  • एजेंसी या प्रतिनिधित्व
  • बीमा, पट्टा, ज्वॉइंट वेंचर
  • निर्माण, औद्योगिक गतिविधियाँ
  • वस्तुओं/यात्रियों का सड़क, रेल, वायु या समुद्र से परिवहन


न्यायालय की शक्ति – पक्षों को Arbitration हेतु भेजना (Section 45)

यदि विवाद धारा 44 के अंतर्गत आता है और पक्षकारों के बीच Arbitration Agreement मौजूद है, तो न्यायालय को विवाद न्यायालय में सुनने के बजाय Arbitration को सौंपना होगा। लेकिन यदि Arbitration Agreement null and void, inoperative या incapable of being performed हो, तो न्यायालय पक्षों को Arbitration हेतु भेजने से मना कर सकता है।
प्रमुख निर्णय

  • Shin-Etsu Chemical Co. Ltd. v. Aksh Optifibre Ltd. (2005) – सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि जब तक स्पष्ट रूप से यह न पाया जाए कि Agreement शून्य है, न्यायालय को पक्षकारों को Arbitration हेतु भेजना चाहिए।


Foreign Award कब बाध्यकारी होता है? (Section 46)

धारा 46 के अनुसार –

  • कोई भी Foreign Award बाध्यकारी होता है यदि वह इस भाग के अंतर्गत प्रवर्तनीय है
  • यह पक्षकारों पर सभी दृष्टिकोणों से बाध्यकारी है
  • इसे भारत में किसी भी कानूनी कार्यवाही में Defence, Set-off या अन्य आधार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है


Foreign Award के प्रवर्तन हेतु Evidence (Section 47)

जो पक्ष Foreign Award को लागू करना चाहता है, उसे निम्नलिखित दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे –

  • Original Award या उसकी authenticated copy
  • Original Arbitration Agreement या उसकी certified copy
  • अन्य आवश्यक Evidence जो यह साबित करें कि Award एक Foreign Award है

  • यदि Award अंग्रेज़ी के अतिरिक्त किसी अन्य भाषा में है तो उसका प्रमाणित अंग्रेज़ी अनुवाद प्रस्तुत करना होगा

Foreign Award के प्रवर्तन से इनकार के आधार (Section 48)

धारा 48 के अंतर्गत न्यायालय प्रवर्तन से इनकार कर सकता है –

(A) पक्षकार द्वारा प्रमाणित आधार (Clause 1)

  • Party अक्षम था
  • Agreement अमान्य है
  • उचित Notice नहीं दी गई
  • Award Reference से बाहर है
  • Arbitral Tribunal की संरचना या प्रक्रिया अवैध थी
  • Award अभी बाध्यकारी नहीं है या उसे निरस्त/स्थगित किया गया है

(B) न्यायालय द्वारा विचारणीय आधार (Clause 2)

  • विवाद का विषय Non-Arbitrable है
  • Award का प्रवर्तन Public Policy of India के विरुद्ध है
  • प्रमुख निर्णय
  • ONGC v. Saw Pipes Ltd. (2003) – Public Policy के दायरे को व्यापक रूप से व्याख्यायित किया गया
  • Shri Lal Mahal Ltd. v. Progetto Grano Spa (2013) – सर्वोच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि Foreign Awards के मामले में “Public Policy” का दायरा संकीर्ण (narrow) होगा। केवल Fundamental Policy of Indian Law, Interest of Justice और Morality के विपरीत होने पर ही प्रवर्तन रोका जा सकता है


Enforcement स्थगन (Adjournment) – Section 48(3)

यदि Foreign Award को set aside करने या suspend करने हेतु संबंधित प्राधिकारी के पास आवेदन लंबित है, तो न्यायालय प्रवर्तन को स्थगित कर सकता है और प्रतिवादी से Security जमा करने का आदेश दे सकता है।


Foreign Award का प्रवर्तन (Section 49)

जब न्यायालय संतुष्ट हो जाता है कि Foreign Award प्रवर्तनीय है, तो वह नागरिक न्यायालय के Decree के समान प्रभावी हो जाता है और उसी प्रकार प्रवर्तित किया जाता है।


Appeal योग्य आदेश (Section 50)

धारा 50 के अनुसार Appeal निम्नलिखित आदेशों पर की जा सकती है –

  • न्यायिक प्राधिकरण द्वारा धारा 45 के अंतर्गत पक्षकारों को Arbitration हेतु भेजने से इनकार करने पर
  • न्यायालय द्वारा धारा 48 के अंतर्गत Foreign Award के प्रवर्तन से इनकार करने पर
  • लेकिन धारा 50(2) स्पष्ट करती है कि Second Appeal नहीं होगी, हालाँकि Supreme Court में Special Leave Petition (SLP) दायर की जा सकती है।

प्रमुख निर्णय

  • Bhatia International v. Bulk Trading SA (2002) – प्रारंभ में Part I की कुछ धाराएँ Foreign Arbitration पर लागू मानी गईं
  • BALCO v. Kaiser Aluminium (2012) – Constitution Bench ने स्पष्ट किया कि Part I का Foreign Arbitration पर कोई प्रयोग नहीं होगा


निष्कर्ष

न्यूयॉर्क कन्वेंशन Awards का प्रवर्तन भारतीय न्याय व्यवस्था में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश को प्रोत्साहन देता है क्योंकि इससे यह सुनिश्चित होता है कि भारत में Foreign Awards को सम्मान और प्रवर्तन मिलेगा।
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णयों से यह सिद्धांत स्थापित हो चुका है कि –

  • भारत “Arbitration Friendly” देश है
  • Foreign Awards को केवल अपवादात्मक परिस्थितियों में ही प्रवर्तन से रोका जाएगा
  • “Public Policy” का दायरा संकीर्ण रहेगा



🟢 FAQ Section

Q1. Foreign Award की परिभाषा क्या है?
Foreign Award वह Award है जो वाणिज्यिक संबंधों से उत्पन्न विवाद पर आधारित हो, Arbitration Agreement के अंतर्गत दिया गया हो और न्यूयॉर्क कन्वेंशन से आच्छादित हो।

Q2. भारत में Foreign Award कब बाध्यकारी होता है?
जब Foreign Award इस अधिनियम के Part II के अंतर्गत प्रवर्तनीय होता है, तब यह सभी पक्षकारों पर बाध्यकारी होता है।

Q3. Foreign Award के प्रवर्तन से इनकार के क्या आधार हैं?
अमान्य Agreement, पक्षकार की अयोग्यता, उचित Notice का अभाव, Award का Public Policy of India के विपरीत होना आदि प्रमुख आधार हैं।

Q4. Enforcement of Foreign Award किस Section में है?
Enforcement का प्रावधान Section 49 में है, जिसके अनुसार Foreign Award को नागरिक न्यायालय के Decree के समान माना जाता है।

Q5. क्या Foreign Award के प्रवर्तन आदेश पर अपील की जा सकती है?
हाँ, Section 50 के अनुसार यदि न्यायालय प्रवर्तन से इनकार करता है तो अपील की जा सकती है। लेकिन Second Appeal का प्रावधान नहीं है।


🟢 Rich Snippets (Highlights Points)

  • Arbitration and Conciliation Act 1996 का Part II विदेशी Awards के प्रवर्तन से संबंधित है
  • Section 44 Foreign Award की परिभाषा देता है
  • Section 45 – न्यायालय Arbitration हेतु पक्षों को भेज सकता है
  • Section 46 – Foreign Award बाध्यकारी कब होगा
  • Section 47 – Enforcement हेतु आवश्यक दस्तावेज
  • Section 48 – Enforcement से इनकार के आधार
  • Section 49 – Foreign Award का प्रवर्तन Decree की तरह
  • Section 50 – Appeal योग्य आदेश
  • प्रमुख केस: ONGC v. Saw Pipes (2003), Shri Lal Mahal v. Progetto Grano Spa (2013), BALCO v. Kaiser Aluminium (2012)

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ads Area